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गाय में जेर समय से न डालने की समस्या भैंस की जेर का अटकना | retention of placenta ROP | gaay mein jer samay se na daalane kee samasya bhains jer ka atakana

retention of placenta

 नमस्कार  मेरे पशु पालक भाइयो आशा है की आप सब और आप के पशु सवस्थ होंगे।आज हम लोग गाय भैंस में होने वाली आम समस्या या फिर ये भी कह सकते है की गंभीर समस्या के बार में बात करेंगे।जैसे की हम लोग जानते ह की आने वाला मौसम बारिश का है और इस समय ज्यादातर पशुऔ का प्रसव होने का समय होता है।

ऐसे में पशुओ में जेर समय से न डालने की समस्या आती है,जिसे जेर का अटकना भी कह देते है।इस ब्लॉग में हम इस बीमारी को विस्तार से जानेगे कि?

गाय कि जेर गिराने कि विधि व उपाय

१-गाय व भैंस कि जेर न गिरने पर क्या करे?

२-गाय व भैंस को बच्चा देने के बाद क्या करना चाहिए?

३-जेर न गिरने की पहचान 

४-जेर न गिरने के कारण

५-गाय कि जेर गिराने कि विधि व उपाय  

६-भैस कि जेर गिराने के देसी इलाज़ व घरेलु उपाय 

७-गाय भैस कि जेर गिराने कि अंग्रेजी दवा व इंजेक्शन 

दुधारू पशुओ में ब्याने के बाद ज्यादातर पशु २ से ६ घंटे के अंदर जेर डाल देते है पर बहुत से पशुओ में सही खुराक  और हार्मोनल संतुलन न होने के कारण जेर समय से नहीं गिर पाती या फिर आधी जेर निकल जाती है आधी अंदर अटक जाती है।

१-गाय व भैंस को बच्चा देने के बाद क्या करना चाहिए?

अधिकतर पशु पालक पशु के ब्याने के बाद पैदा हुए बच्चे को माँ का दूध तब तक नहीं पिलाते जब तक पशु जेर न डाल दे परन्तु ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए क्यों कि बच्चे के लिए माँ का पहला दूध बहुत ही जरुरी होता है और ये दूध पैदा होने के आधे घंटे में ही पीळा देना चाहिए जिसे कि बच्चे कि रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और पशु में ऑक्सिटॉसिन नामक हार्मोन का रसाव होता है जिसे गर्भाशय संकुचित होता है और जेर आसानी से बाहर आ जाती है।फिर भी अगर पशु जेर नहीं गिराता है तो पशु को 

गेंहू का दलीय और गुड़ दे और ६ से १२ घंटो तक इंतज़ार करे उस के बाद ही किसी अनुभवी चिकित्सक से हाथ डलवाये।

२-जेर न गिरने की पहचान

अधिकांश तो जेर बहार लटकती दिखाई दे जाती है फिर भी अगर गर्भाशय में जेर या इस के टुकड़े रह गए है तो पशु पेट पर लात मारता है योनि में से बदबू दार तरल निकलता है मवाद दिखाई देता है पशु दूध कम देता है 

शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है पशु सुस्त दिखाई देता है चारा भी नहीं खाता यानि भूख नहीं लगना  इत्यादि जेर न गिरने के लक्षण होते है।

३-जेर न गिरने के कारण

गाय भैंस में जेर न डालने कि बहुत सी वजह हो सकती है जैसे कि

गाय कि गर्भा अवस्था में सही से दाना चारा या फिर संतुलित पशु आहार न देना खनिजों कि और विटामिन्स कि कमी। 

या समय से पहले प्रसव होना

गर्भपात होना 

संक्रामक ब्यौने रोग जैसे ब्रुसेल्लोसिस, केम्पाईलोबेकटेरी ओसिस आदि

प्रसव में कठिनाई

४-गाय कि जेर गिराने कि विधि व उपाय

सबसे पहले तो पशुपालक पशु कि प्रसव के तुरंत बाद पशु को दलीय और गुड़ दे उस कि बाद २ से ६ घंटे इंतज़ार करे अगर फिर भी गाय जेर नहीं गिराती है तो उसे हरीरा बना कर दे हरीरा बनाने कि विधि सब से पहले एक भगोने में ४ से ५ लिटिर पानी ले इस में २ किलो गुड़ घोले और फिर हल्दी,जीरा,अजवाइन,बड़ी इलाइची,जायेफल,अदरक का पाउडर ५०ग्राम ५०ग्राम डाल  कर उबाल ले और गुनगुना कर गाय को पिलाये 

या फिर बाजार से खरीद ले और हर एक दो घंटे के अंतराल में १००गर्म पिलाये प्रसव के बाद भी २५० ग्राम दे तो गुणकारी रहता है गाय भैंस के जेर गिराने के बाद भी अगर चार से पांच दिनों तक सुबह श्याम १०० गर्म दिया जाए तो गर्भस्य कि सफाई अच्छी हो जाती है और दूध भी पूरा मिलता है


Repeat breeding is a problem in dairy and beef cattle, as well as in water buffalo



५-भैस कि जेर गिराने के देसी इलाज़ व घरेलु उपाय

भैंस व गाय में जेर गिराने के लिए हमारे भारत देश में बहुत से तरीके है परन्तु सबसे ज्यादा घरेलु और देसी नुश्खे ही आजमाए जाते है जिस में से कुछ यंहा बातये गए है 

१:-गाय कि जेर गिरवाने के लिए पशु का खिश यानि पहला दूध जिसे अंग्रेजी में कोलोस्ट्रम भी कहा जाता है वो पिलाये 

२:-भैस कि जेर गिराने के लिए गाढ़ा बना कर दे सकते है सोंठ,मैथी,सोंफ,गुड़ ,और अज़्वायें को १.५ लिटिर पानी में उबाल कर गुनगुना कर के पिलाये 

३:-पीपल के पत्ते खिलाये 

४:-गाय के ब्याने के २ से ४ घंटे बाद एक किलो मूली छोटे छोटे टुकड़ो में काट कर नमक डाल कर पशु को दे 

५:-गाय भैंस को १ से २ किलो भिंडी काट कर गुड़ मिला कर देने से गाय कि जेर गिर जायेगी 

६:-लकड़ी कि रांख के पानी से गाय कि जेर निकाले सब से पहले ५०ग्राम मेथी ,५०ग्राम चाय ,और १०० ग्राम हल्दी पानी में उबाल ले फिर एक बाल्टी में १ किलो लकड़ी कि रांख ले और ३ से ४ लिटिर पानी डाल दे जब रांख बाल्टी कि तली में बैठ जाये तो ऊपर का पानी सावधानी से निकल ले और उबली हुई सामाग्री को उस में मिला कर पशु को दे गाय भैंस कि जार निकल आएगी 

७:-बड़ के पत्तो को किसी बर्तन में जला ले और फिर ५० ग्राम ये राख गुड़ में और पानी में मिला कर गाय को दे जेर जल्दी गिर जाएगी 

८:-आंवले का पाउडर रोजाना ५ दिन तक देने से भी गाय भैंस के गर्भस्य कि सफाई अच्छे से हो जाती है और अटकी हुई जेर भी निकल जाती है 

९:-कपास के पोधो को चारे के रूप में छोटे छोटे काट कर गुड़ के साथ गाय भैस को खिलाये जेर जल्दी बहार आएगी 

१०:-आवटी बना कर पिलाये ये बिल्कुल साधारण तरीका पशुपालक गाय भैंस को बना कर दे सकते है आवटी कैसे बनाये ?गर्म पानी में गुड़ और नमक घोल कर आवटी बनती है इस को ब्याने के तुरंत बाद पशु को पिलाये जेर नहीं अटकेगी 


गाय भैंस में थनैला रोग की पहचान | Identification of mastitis disease in cow buffalo



६-गाय भैस कि जेर गिराने कि अंग्रेजी दवा व इंजेक्शन

जेर काफी समय तक गाय गर्भस्य में रहने के कारण गर्भस्य में संक्रमण होने का खतरा होता है या संक्रमण हो जाता है तो इस के लिए विभिन दवाइयों का इस्तमाल होता है जो कि पशु चिकिस्तक अपने अनुभव के आधार पर इन अंग्रेजी दवाओं का चयन करता है

सवपर्थम गाय के ब्याने के बाद अगर जेर पूरी बहार नहीं निकलती या गिरती तो इसे निकने के लिए ऑक्सिटॉक्सिन या फिर क्लोप्रोस्टेनोल नामक इंजेक्शन का इस्तमाल किया जाता है जो कि गर्भाशय का मुँह खोलने या फिर संकुचित करने के काम आता है इस के बाद गर्भस्य में किसी प्रकार का कोई संक्रमण न हो इस के लिए नाइटोफुराज़ोन व यूरिआ या फिर सिप्रोफ्लोसेसिन या टेट्रासिकलिन कि बोलस गोलिया पशु को ३ से ५ दिन तक दी जाती है 

गाय भैस कि जेर अटकने या गर्भस्य में संक्रमण के बाद गर्भस्य में ३ स ५ दिन तक इंट्रयूटराइन दवा को रखा जाता जिस से बच्चेदानी कि अच्छे से सफाई हो जाती है और पशु को फिर से गर्भ धारण करने में या दूध देने में कोई परेशानी नहीं होती.

इन सब के इलावा कुछ एंटीबायोटिक्स इंजेक्शनो का भी इस्तमाल किया जाता है।   


 



 


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