सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सरकारी डेयरी स्कीम: राष्ट्रीय गोकुल मिशन और उद्यमिता विकास योजना

डेयरी मंदा प्रबंधन: उच्च गुणवत्ता वाले दूध के लिए पशुओं का उत्पादन कैसे सुनिश्चित करें? Dairy Calf Management: Ensuring High-Quality Animal Production for Milk Yield

डेयरी मंदा प्रबंधन: मिट्टी से बनाएं उत्कृष्ट दुग्ध उत्पादन के लिए पशु




दुग्ध उत्पादन अर्थात् दूध एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो हमारे दैनिक आहार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक उच्च गुणवत्ता वाले दूध के लिए उत्तम गुणवत्ता वाले पशुओं की आवश्यकता होती है। और यह गुणवत्ता पशु की गाय बच्चे के रूप में उत्पन्न होती है। इसलिए, डेयरी मंदा प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है जिसका समय पर और उचित ध्यान देना आवश्यक है। इस लेख में, हम आपको डेयरी मंदा प्रबंधन के महत्व और उत्पादन द्वारा अच्छी गुणवत्ता वाले पशुओं को कैसे प्राप्त कर सकते हैं, इसके बारे में विस्तार से बताएंगे।


1. पशु की चुनौतियों की पहचान करें: डेयरी मंदा प्रबंधन की शुरुआत पशु की चुनौतियों को पहचानने से होती है। एक उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले दूध उत्पादन पशु चुनने के लिए, पशु की देखभाल, आहार, स्वास्थ्य और आ


नुवंशिक योग्यता का विश्लेषण करें। इसके लिए, एक पशुधन विश्लेषक की सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।


2. उचित आहार प्रदान करें: गुणवत्ता वाले पशुओं को उचित आहार प्रदान करना आवश्यक है। बच्चे को पूरे दिन धूप में घास चराने की सुविधा प्रदान करें। उन्हें ऊर्जा और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कि गहूं, जौ, मक्का, सोयाबीन के छिलकों वाले दाने, खीरा, मूली, मेथी, हरा चना, और दूध और दूध से निर्मित उत्पादों का सेवन कराएं। इसके अलावा, एक विशेषज्ञ द्वारा तैयार की गई आहार योजना का पालन करें और उचित पोषण की सुनिश्चितता करें।


3. स्वच्छता और स्वास्थ्य का ध्यान रखें: पशु के स्वास्थ्य और स्वच्छता पर ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके आसपास साफ-सुथरा और स्वच्छ वातावरण बनाए रखें। नियमित रूप से पशुओं की जांच करें और उन्हें आवश्यक टीकाकरण, दवाओं, और प्रोबायोटिक्स द्व


ारा स्वस्थ रखें। उनके लिए उचित आराम की सुविधा प्रदान करें और उनके आराम के स्थान को स्वच्छ रखें।


4. डेयरी मंदा के लिए उचित आवास प्रदान करें: बच्चों के लिए उचित आवास की व्यवस्था करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें साफ और ठंडे स्थान में रखें जिसमें उनके लिए पर्याप्त स्थान, गर्मी से बचाव, और स्वच्छ जल प्रदान किया जा सके। इसके अलावा, एक उचित गोदाम बनाएं जिसमें गोबर और बर्फ को संचित किया जा सके।


5. पशुओं की जीनेटिक सेलेक्शन करें: डेयरी मंदा प्रबंधन में जीनेटिक सेलेक्शन का महत्वपूर्ण स्थान है। आपको उत्तम गुणवत्ता वाले पशुओं की पहचान करनी चाहिए और उनके बीज की बुआई को बच्चों की वाणिज्यिकता की दृष्टि से विचार करें।


अंत में, डेयरी मंदा प्रबंधन उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले पशुओं के उत्पादन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि हम उपरोक्त सुझावों का पालन करते हैं तो हम उच्च गुणवत्ता वाले


 दूध के उत्पादन में सफल हो सकते हैं और डेयरी उद्यम को एक सफल और लाभदायक व्यवसाय बना सकते हैं। इसलिए, हमेशा अद्यतित और समर्थन प्रदान करने वाले व्यक्ति से सलाह लें और सबसे बढ़िया डेयरी मंदा प्रबंधन के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करें।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गाय भैंस में थनैला रोग की पहचान | Identification of mastitis disease in cow buffalo

  नमस्कार मेरे प्यारे पशु पालक भाइओ  जैसा की हम लोगो ने पहले ब्लॉग म बताया ह की थनैला रोग गाय व भैंस के थनों में कई तरह के जीवाणुओं के फैलने से होता है। ये कई तरह से हो सकता  है गाय भैंस के रहने के स्थान पर गदकी होने के कारण या दूध निकलते समय गंदे पानी और गंदे हाथो के इस्तमाल करने के कारण और  ड्राई पीरियड के दौरान  और गाय प्रसव  के बाद भी थनैला होने की  पुरी सम्भावना होती है। थनैला रोग की रोकथाम और इलाज कई पडतीओ से किया जा सकता है।अंग्रेजी दवाओं,होमयोपैथी   और आयुर्वेद यानि देसी दवाओं से किया जाता ह। Hello my dear animal husbandry brothers, as we have told in the earlier blog that mastitis in cow disease is caused by the spread of many types of bacteria in the udders of cows and buffaloes. This can happen in many ways due to the cow buffalo being in the place of living or due to the use of dirty water and dirty hands while milking and during dry periods and even after cow delivery there is every possibility of mastitis. Prevention and treatme...

Let down of milk in cow or buffalo | गाय भैंस में दूध का उतरना

                            Let down of milk in cow or buffalo | गाय भैंस में दूध का  उतरना गाय भैंस में दूध का न उतरना की समस्या या प्रकिया बहुत ही आम है ज्यादातर पशुपालकों को ये शिकायत रहती है की वो गाय भैंस को पूरा दाना चारा देते है पर वो सही से दूध या पोवषति नहीं या पूरा दूध नहीं देती दूध चढ़ा या चुरा जाती है प्यारे पशुपालक भाइयो ऐसा क्यों होता है इस के पिछे क्या विज्ञान है चलिए आज इस ब्लॉग में पशु के दूध न उतारने की और दूध पूरा न देने के बारे में जाने।  लेट डाउन ऑफ़ मिल्क इन काऊ और बफैलो | गाय भैंस में दूध का उतरना या गाय भैस का पावषाणा  सब से पहले ये जानते है दुधारू पशु कैसे पावश्ता है या कैसे दूध देने के लिए त्यार होता है दोस्तों पशु के उद्दर यानी लेवटी में 4 क्वाटर्स होते है जिस में कई दूध ग्रंथियां अंगूर के गुच्छे नुमा ाकुरति में होते है जिसमे दूध बनने और इकठा होता है जब पशु के दूध देने का समय होता है तो पशु के थानों की मसाज से या बछड़े के मुँह लगाने से पशु के मस्तिक्ष में एक संदेश जाता...

गाय में जेर समय से न डालने की समस्या भैंस की जेर का अटकना | retention of placenta ROP | gaay mein jer samay se na daalane kee samasya bhains jer ka atakana

 नमस्कार  मेरे पशु पालक भाइयो आशा है की आप सब और आप के पशु सवस्थ होंगे।आज हम लोग गाय भैंस में होने वाली आम समस्या या फिर ये भी कह सकते है की गंभीर समस्या के बार में बात करेंगे।जैसे की हम लोग जानते ह की आने वाला मौसम बारिश का है और इस समय ज्यादातर पशुऔ का प्रसव होने का समय होता है। ऐसे में पशुओ में जेर समय से न डालने की समस्या आती है,जिसे जेर का अटकना भी कह देते है।इस ब्लॉग में हम इस बीमारी को विस्तार से जानेगे कि? १-गाय व भैंस कि जेर न गिरने पर क्या करे? २-गाय व भैंस को बच्चा देने के बाद क्या करना चाहिए? ३-जेर न गिरने की पहचान  ४-जेर न गिरने के कारण ५-गाय कि जेर गिराने कि विधि व उपाय   ६-भैस कि जेर गिराने के देसी इलाज़ व घरेलु उपाय  ७-गाय भैस कि जेर गिराने कि अंग्रेजी दवा व इंजेक्शन  दुधारू पशुओ में ब्याने के बाद ज्यादातर पशु २ से ६ घंटे के अंदर जेर डाल देते है पर बहुत से पशुओ में सही खुराक  और हार्मोनल संतुलन न होने के कारण जेर समय से नहीं गिर पाती या फिर आधी जेर निकल जाती है आधी अंदर अटक जाती है। १-गाय व भैंस को बच्चा देने के बाद क्या करना चाहिए?...